कैलाश सत्यार्थी !! नाम तो आपने सुना ही होगा।
नोबैल पुरस्कार इनको मिला हुआ है।
आप जानते हो इनको नोबैल पुरस्कार क्यूँ दिया गया ?
इन्होने विश्व प्रसिद्ध भदोही वाराणसी के कालीन उद्योग मे काम करने वालो बाल श्रमिकों कि दशा विश्व के सामने बखान कि और पूरे विश्व मे भदोही वाराणसी से जो कालीन जाता था उसे लगभग बंद करवा दिया। आज अमेरिका कालीन उद्योग मे अग्रणी बन गया इसमे इनकी महती भूमिका है।
क्योंकि भारत कि एक महिला ने जो भारत कि ना होते हुए भी सत्ता कि बागडोर अपने हाथों मे रखती थी उसने ईसाई मिशिनिरियों का जाल इतनी मुश्तैदी से बुन दी थी कि भारत के ऐसे लोग चंद सिक्कों कि खनक के लिए भारत का हर अहित करने को तैयार बैठे थे।
आज ईसाई मिशिनिरियों मे होने वाले बच्चों की खरीद फरोख्त बलात्कार इन साहब को नही दिख रहा है, इन्होने आंखो पर गांधारी पट्टी बांध रखी है
क्योकि उसे सबके सामने लाने से इनका कोई फायदा नही होने वाला है।
इनको तो बस भारत के एक उद्योग को बर्बाद करने कि जिम्मेदारी दी गई थी जो इन्होने बखूबी कर दी
ये भारत के एक और वामपंथी अर्बन नक्सली है जिन्होंने मानवता का चोगा ओढ़ा हुआ है, कई मौकों पर इन्होने हिन्दुओ के खिलाफ टिप्पणियां की है, पर मिशनरियों में में बच्चों के साथ जो काम किया जा रहा है उसपर ये मौन रहते है, क्यूंकि अगर उसपर बोलेंगे तो रोम और पोप दोनों नाराज हो जायेंगे, ये है इन मानवता वाले बुद्धिजीवियों की असल सच्चाई