70 सालों से ही कश्मीर में समस्या चल रही है
और ये समस्या इसलिए चल रही है क्यूंकि, हमने असल समस्या पर कभी चर्चा की ही नहीं
हमारी सेक्युलर सरकारें, मीडिया और बुद्धिजीवी
जानबूझकर असल समस्या से देश का ध्यान भटकाते रहे और कश्मीर में विकास, लोगों का दिल जीतो
ऐसा शिगूफा छोड़ते रहे
70 साल बीत गए, और कश्मीर की समस्या और विकराल होती गयी
साफ़ होता है की हमारा सेकुलरिज्म कश्मीर समस्या को सुलझाने में नाकाम रहा है, कश्मीर में विकास की कोई समस्या नहीं है, कोई दिल विल नहीं जीतना
और ये स्वयं वहां के आतंकी ही अब कबूल करने लगे है
"Our intention should be to achieve Azadi to establish Islamic rule and not for a secular state."— Manak Gupta (@manakgupta) May 14, 2017
Terrorist Zakir Musa quits Hizbul...
ज़ाकिर मूसा जो की कश्मीर का ही आतंकी है, उसने साफ़ कर दिया है की इन लोगों की जंग किसी कश्मीर और आज़ादी के लिए नहीं बल्कि इनकी जंग है कश्मीर में इस्लाम की हुकूमत लाने के लिए
ज़ाकिर मूसा ने कहा है की हम अपनी जान किसी सेक्युलर राज्य के लिए नहीं दे रहे बल्कि इस्लामिक स्टेट बनाकर शरिया को लागू करने के लिए लड़ रहे है
अब अगर देश के बुद्धिजीवी जो आजतक सेकुलरिज्म का चस्मा लगाए हुए है
वो सुधर जाये तो शायद कश्मीर की समस्या को हल करने के लिए कुछ अलग कदम उठाये जाए, अन्यथा कश्मीर की समस्या कभी नहीं हल होने वाली, और ये समस्या देश में भी पूरी तरह फ़ैल जाएगी